आज कल हर कोई अपना बिल ले के आ रहा है |
कल हमारी पार्लियामेंट में उन सभी की चर्चा होनी है |
तो आनन् फानन में मैंने भी एक बिल तैयार किया है: |
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मेरा बिल भी लाओ! (Taken from Flickr under CC license) |
१. प्रधानमंत्री को जनता के दाएरे में लाया जाए |
बल्कि मैं तो कहता हूँ की पडोसी देशो के प्रधानमंत्री भी हमारे दायरे में होने चाहियें |
उनका ईमेल और ट्विटर/फेसबुक अकाउंट सार्वजनिक किया जाए |
२ दिन के अन्दर जवाब न मिलने पर उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम ना होने के कारण हटा दिया जाए |
राहुल जी को जल्दी से जल्दी पीऍम बनाया जाए |
२. लोअर ही नहीं लोएस्ट ब्यूरोक्रेसी भी लोकपाल के अन्दर आये |
वो गेट पर खड़े चोकीदार अंकल और डॉक्टर की दूकान पर कंपाउंडर अंकल भी कई बार हीरो बनने की चेष्टा करते हैं |
टीचर ही नहीं लैब अस्सिस्तंत की भी झंड होनी चाहिए |
३. बिजली वाले अंकल जितनी देर बिजली काटें उनके घर भी उतनी देर की बिजली कटौती होनी चाहिए, तब उनकी भी झंड होगी |
साला, जब मन करता है बिजली उड़ा देते हैं X( |
४. ये इन्टरनेट वाले अंकल भी कई बार बहुत ही झंड स्पीड देते हैं |
१० मिनट में प्रॉब्लम सही ना होने पर उनकी घर के कनेक्शन की स्पीड हमें मिलनी चाहिए (और पाईरेसी पूरी तरह वैध करार दी जानी चाहिए) |
५. जोइनिंग डेट जल्दी ना मिलने पर आधी कंपनी हमारे नाम कर देनी चाहिए |
६. सारी अदालतें लोकपाल के घेरे में होनी चाहिए |
इससे अगर फैसला हमारे हक़ में ना आये तो उन अदालतो को भ्रष्ट बता कर उनकी भी झंड कर दी जाए |
७. देश के हर एक धर्मं, जाति, पंथ, लिंग, क्षेत्र आदि का प्रतिनिधि लोकपाल में शामिल होना चाहिए |
और कोटा तो हर हाल में लागु होना चाहिए (चाहे कट ऑफ कितनी भी गिरानी पड़े, परवाह नहीं) |
८. बीसीसीआई भी लोकपाल के दायरे में आनी चाहिए |
अगर वो आने इनकार करे तो जबरदस्ती करनी चाहिए |
जिसने देश की क्रिकेट के शोषण किया हो उसका खुद भी तो शोषण जरूरी है? |
९. लोकपाल को स्विस बैंक से काला धन वापस लाना चाहिए |
काला धन ना मिले तो गोरा वाला ही उठा लाना चाहिए |
अगर वो भी ना मिले स्विस बैंक का खुद का धन उठा लायें |
हमें तो भाई धन से मतलब है |
१०. सारी फ़ोन कंपनियों के सीइओ के फ़ोन नंबर सार्वजनिक किये जाएँ |
जिसेस जनता उनकी कंपनियों से आने वाले फालतू फ़ोन और मेसेज उनके खुद के नंबर पर फॉरवर्ड कर पाए |
तब उन्हें पता चलेगा की खुंदक क्या चीज़ होती है |
नोट: इस बिल का किसी भी पार्टी विशेष से लेना देना नहीं है |
यह पूरी तरह से काल्पनिक है |
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